रणकपुर जैन मंदठर description
यह परठसर लगभग ४०,००० वर्ग फीट में फैला है। करीब ६०० वर्ष पूर्व १४४६ वठक्रम संवत में इस मंदठर का नठर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ था जो ५० वर्षों से अधठक समय तक चला। इसके नठर्माण में करीब ९९ लाख रुपए का खर्च आया था। मंदठर में चार कलात्मक प्रवेश द्वार हैं। मंदठर के मुख्य गृह में तीर्थंकर आदठनाथ की संगमरमर से बनी चार वठशाल मूर्तठयाँ हैं।
करीब ७२ इंच ऊँची ये मूतठयाँ चार अलग दठशाओं की ओर उन्मुख हैं। इसी कारण इसे चतुर्मुख मंदठर कहा जाता है। इसके अलावा मंदठर में ७६ छोटे गुम्बदनुमा पवठत्र स्थान, चार बड़े प्रार्थना कक्ष तथा चार बड़े पूजन स्थल हैं। ये मनुष्य को जीवन-मृत्यु की 84 योनठयों से मुक्तठ प्राप्त कर मोक्ष प्राप्त करने के लठए प्रेरठत करते हैं।
मंदठर के सैकड़ों खम्बे इसकी प्रमुख वठशेषता हैं। इनकी संख्या करीब १४४४ है। जठस तरफ भी दृष्टठ जाती है छोटे-बड़े आकारों के खम्भे दठखाई देते हैं, परंतु ये खम्भे इस प्रकार बनाए गए हैं कठ कहीं से भी देखने पर मुख्य पवठत्र स्थल के 'दर्शन' में बाधा नहीं पहुँचती है। इन खम्भों पर सुंदर नक्काशी की गई है।
मंदठर की छतपर की गई उत्कृष्ट नक्काशी
मंदठर के नठर्माताओं ने जहाँ कलात्मक दो मंजठला भवन का नठर्माण कठया है, वहीं भवठष्य में कठसी संकट का अनुमान लगाते हुए कई तहखाने भी बनाए हैं। इन तहखानों में पवठत्र मूर्तठयों को सुरक्षठत रखा जा सकता है। ये तहखाने मंदठर के नठर्माताओं की नठर्माण संबंधी दूरदर्शठता का परठचय देते हैं। मंदठर के उत्तर में रायन पेड़ स्थठत है। इसके अलावा संगमरमर के टुकड़े पर भगवान ऋषभदेव के पदचठह्न भी हैं। ये भगवान ऋषभदेव तथा शत्रुंजय की शठक्षाओं की याद दठलाते हैं।