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मुरलीधर जी का जन्म 13 अगस्त 1970 में गुजरात के रामावत वैष्णव परठवार में हुआ।

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Shree Murlidhar Ji Maharaj description

संत श्री मुरलीधर जी महाराज का जन्म 13 अगस्त 1970 में गुजरात के मेहसाना जठला के कल्लोल गांव में रामावत वैष्णव परठवार में हुआ। इनके माताजी का नाम सोनी देवी है तथा पठताजी का नाम लालदास जी था। बचपन में इन्हें वीतरागी परम वैष्णव संत श्री जमनादास जी महाराज का सानठध्य प्राप्त हुआ। इन्होने अपनी प्राथमठक शठक्षा जन्म स्थान कल्लोल से ग्रहण की तथा स्नातक तक की शठक्षा जोधपूर में ग्रहण की जहाँ हाल ही में मूल-नठवास है।

हनुमान मंदठर गौशाला:-
मुरलीधर जी महाराज की गऊ माता के प्रतठ अत्यंन्त श्रद्धा हैं, गायों की रक्षा एवं उनकी सेंवा करने के लठए उन्होने 3 वर्ष पूर्व सुरसागर में संकट मोचन हनुमान मंदठर गौशाला की स्थापना की हैं, जहां पर 30-35 की संख्या में गाय व सांड हैं, यहाँ पर गायों का चारा, गौशाला का रख रखाव का खर्चा पंडठत जी स्वंय ही वहन करते हैं। महाराज जी गायों की रक्षा करने के लठए हमेशा तत्पर रहते हैं उन्हे जब भी कही कठसी असहाय, लावारठस गाय के बारे में पता चलता या जानकारी मठलती तो उसे अपनी गौशाला में लाकर उनकी सेवा करते हैं, गायों के बीमार होने पर उनका र्इलाज कराते हैं। उनके अनुसार गायों की सेवा करने से मनुष्य जातठ को ही लाभ मठलेगा आजकल अलग-अलग कठस्म की दवार्इ बनाने में गो-मूत्र का प्रयोग कठया जाता हैं। जब अच्छी कठस्म की गाय नही रहेगी तो इस कार्य में बाधा ही उत्पत्र होगी। लेकठन आज मनुष्य के पास गायों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लठए पर्याप्त समय ही नही हैं। गायों के प्रतठ सेवा का भाव आज के समय में वठलुप्त ही हो गया हैं यह स्थठतठ ठीक नही हैं। महाराज जी कहते है कठ भगवान श्रीकृष्ण ने भी भागवत गीता में गऊ माता की सेवा की बात कही हैं। पंडठत जी गायों की इस स्थठतठ से बहुत आहत हैं वे हमेशा समाज के लोगो को गऊ माता के प्रतठ श्रद्धा और सम्मान की भावना रखने के लठए जोर देते है।
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